आईआईएस अधिकारियों की भर्ती
आईआईएस ग्रुप ए: भारतीय सूचना सेवा ग्रुप ए में भर्ती का मुख्य तरीका हर साल संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा है। उम्मीदवारों को परीक्षा के प्रत्येक दौर - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार - को पास करना होगा और भारतीय सूचना सेवा के कैडर में प्रवेश के लिए यूपीएससी से सिफारिश प्राप्त करनी होगी। इस तरह से भर्ती किए गए अधिकारियों को डायरेक्ट रिक्रूट (डीआर) कहा जाता है। आईआईएस ग्रुप ए में रिक्तियां भी आईआईएस ग्रुप बी से पदोन्नति के माध्यम से भरी जाती हैं।
आईआईएस ग्रुप बी: आईआईएस ग्रुप बी के सीनियर ग्रेड में भर्ती यूपीएससी द्वारा आयोजित एक अलग परीक्षा के माध्यम से की जाती है। आईआईएस ग्रुप बी के जूनियर ग्रेड के कर्मचारियों का चयन कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।
आईआईएमसी में भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण
कार्यक्रम की अवधि एवं संरचना
आईआईएस ग्रुप 'ए' का प्रारंभिक प्रशिक्षण लगभग साढ़े बीस महीने तक चलता है। आईआईएस इंडक्शन कोर्स एक सैंडविच कोर्स है, जिसमें बीच में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के साथ क्लासरूम ट्रेनिंग के दो चरण शामिल हैं।
प्रशिक्षण के मुख्य उद्देश्य हैं:
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय और उसके मीडिया संगठनों के कामकाज की गहरी समझ प्रदान करना और प्रशिक्षु अधिकारी को उन विशिष्ट जिम्मेदारियों के लिए पूरी तरह से तैयार करना, जिन्हें उनसे अपने पदों का प्रभार संभालने पर निष्पादित करने की उम्मीद की जाती है।
- प्रशिक्षु अधिकारी को मीडिया की गतिशीलता और सरकारी संचार की प्रक्रिया का 360 डिग्री अनुभव प्रदान करना।
- संचार स्पेक्ट्रम में रणनीतिक सोच विकसित करने के लिए प्रशिक्षु अधिकारी को आवश्यक कौशल से लैस करना।
पहले चरण के प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारी को संचार और विकास प्रशासन के बीच संबंध और कल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में सरकारी संचार की भूमिका के बारे में संवेदनशील बनाना और परिचित कराना है। पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारी को भारत के साथ-साथ दुनिया में उभरते मीडिया परिदृश्य का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना है, और उन्हें आने वाली चुनौतियों, अवसरों और डिजिटल संचार प्रौद्योगिकियों की भूमिका से अवगत कराना है।
संरचना: पहले चरण के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को 3 तिमाही के साथ डिज़ाइन किया गया है जिसमें कक्षा सत्र (9.5 महीने), व्हावहारिक अभ्यास और फ़ील्ड अटैचमेंट और ऑल इंडिया स्टडी टूर (भारत दर्शन) शामिल हैं, जो सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर जुड़ाव को सक्षम बनाता है। इनमें समाचार के प्रसारण से लेकर संचार अभियानों की कल्पना और कार्यान्वयन से लेकर सोशल मीडिया की नई तकनीकों की जानकारी भी शामिल हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु अधिकारी को विदेशी भाषा सीखने का भी मौका दिया जाता है।
कक्षा सत्रों के बाद 10 महीने की ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) होती है, जिसमें स्थानीय क्षेत्रों में एक महीने का अटैचमेंट होता है। प्रशिक्षण 2 सप्ताह के द्वितीय चरण के प्रशिक्षण के साथ समाप्त होता है।
अध्ययन के प्रमुख क्षेत्र: संचार अवधारणाएँ, रणनीतियाँ और कौशल; मीडिया उपकरण और अनुसंधान तकनीकें; सामाजिक, नया और उभरता मीडिया; नवीनतम सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी; भारत सरकार की मीडिया इकाइयों का अध्ययन; जिला और उप जिला स्तर पर संचार तंत्र; प्रशासन में सामान्य एवं वित्तीय नियम; प्रस्तुतिकरण, परियोजनाएँ और सेमिनार आदि।